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इस महिला नेत्री को मिली आजम का आखिरी सियासी किला बचाने की जिम्मेदारी

•सपा ने स्वार विस सीट पर होने वाले उपचुनाव में बनाया प्रत्याशी
रामपुर। उत्तर प्रदेश की स्वार विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के नामांकन खत्म होने से पहले समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य अनुराधा चौहान को अपना प्रत्याशी घोषित किया। स्वार सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। साथ ही इस उम्मीदवारी के बाद अब अनुराधा पर आजम खां के आखिरी सियासी किले को बचाने की जिम्मेदारी है। 13 मई को उपचुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे। साल 2022 में इसी सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम जीते थे। अब्दुल्ला आजम को साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। लेकिन दोनों ही बार उनकी विधायकी चली गई। सबसे पहले दिसंबर 2019 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। जब साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जीते अब्दुल्ला पर बसपा से चुनाव लड़ने वाले नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
अब्दुल्ला आरोप लगाते हुए कहा था कि जब उन्होंने नामांकन दाखिल किया था तो उस वक्त उनकी उम्र कम थी, जो न्यूनतम आयु की शर्त को पूरा नहीं करते थे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया था। अब्दुल्ला हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो वहां से भी निराशा हाथ लगी। इसके बाद 2023 में अब्दुल्ला को मुरादाबाद कोर्ट ने 15 साल पुराने एक मामले में 2 साल की सजा सुनाई। इसके बाद दूसरी बार उनकी विधायकी चली गई। चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव का एलान कर दिया था। उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल थी। 20 अप्रैल को दोपहर बाद तक सपा ने अपने प्रत्याशी का नाम का एलान नहीं किया था। लेकिन नामांकन दाखिल किए जाने के कुछ मिनट पहले ही सपा ने अनुराधा चौहान को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। नाम का ऐलान होते ही अनुराधा चौहान नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचीं। बता दें कि अनुराधा पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रही हैं। अनुराधा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत ग्राम प्रधान चुनाव से की थी। वह सरकथल ग्राम पंचायत की प्रधान रह चुकी हैं। अभी वर्तमान में जिला पंचायत की सदस्य हैं।


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