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जी.पी.डी.पी., एल.एस.डी.जी. तथा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर समस्त मण्डलीय उपनिदेशक(पं.), जिला पंचायत राज अधिकारी, मण्डलीय/जिला परियोजना प्रबन्धक तथा डी.पी.आर.सी. फैकल्टी का 01 दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

लखनऊ: 03 नवम्बर, 2022,02 अक्तूबर 2022 से आगामी 31 मार्च, 2023 तक त्रिस्तरीय पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजनाएं तैयार करने हेतु जन योजना अभियान का संचालन किया जा रहा है। इस अवधि में त्रिस्तरीय पंचायतें पंचायत सभा की बैठक कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्ययोजना तैयार करती है एवं भारत सरकार के जी.पीडी.पी. पोर्टल पर अपलोड करती है। पंचायत विकास योजना विकेन्द्रित नियोजन का पर्याय है, जिसमें पंचायतें दीर्घकालिक विकास, स्थानीय प्राथमिकतायें और उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए एक निश्चित समय सीमा में स्वयं की पंचवर्षीय एवं वार्षिक पंचायत विकास योजना तैयार करती है।
यह जानकारी पंचायतीराज निदेशक  अनुज कुमार झा ने आज यहां दी। उन्होने बताया कि योजना तैयार करने में जन सहभागिता एवं विभागीय समन्वयन की अहम् भूमिका है। लेकिन आज भी पंचायतों की कार्ययोजनाओं में वित्त आयोग की धनराशि से होने वाले निर्माण कार्य ही सम्मिलित होते है। मनरेगा के रूप में वृहद संसाधन पंचायतों के समक्ष है, जिनकी गतिविधियों को पंचायत विकास योजना का भाग बनाया जा सकता है। आज पंचायती राज मंत्रालय सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के 09 विषयों संबंधी गतिविधियों एवं आजीविका हेतु गरीबी उन्मूलन कार्ययोजना को पंचायतो की कार्ययोजना का भाग बनाने पर जोर दिया जा रहा है। 9 विषयों संबंधी गतिविधियों को संकल्प पोर्टल पर अपलोड करने की बात, ई-ग्राम स्वराज पर पंचायतों की प्रोफाइल अद्यतन करने जैसी महत्वपूर्ण बिन्दुओं को मंत्रालय द्वारा नियमित रिव्यू किया जला रहा है। ऐसे में आपका सजग रहना और समय-समय को पंचायतों का प्रशिक्षित करना, उनका क्षमता संवर्द्धन किया जाना आवश्यक है। विषय की गंभीरता को देखते हुए 03 नवम्बर, 2022 को प्रदेश के 09 मण्डलों अलीगढ़, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, चित्रकूट, झांसी, देवीपाटन, अयोध्या तथा बरेली के मण्डलीय उपनिदेशक(पं.), समस्त जिला पंचायत राज अधिकारी, मण्डलीय/जिला परियोजना प्रबन्धक तथा 12 जिला पंचायत रिसोर्स सेन्टर के सीनियर फैकल्टी का 01 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान गैर-तकनीकी तथा तकनीकी दोंनो सत्रों के माध्यम से सभी को जी.पी.डी.पी. की प्रक्रिया तथा कार्ययोजना को पोर्टल पर किन बातों को ध्यान में रखते हुए अपलोड किया जाना है इसके बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही यह अपेक्षा की गयी कि प्रतिभागी बताई गयी जानकारी को अच्छे से जाने और ग्राम पंचायतों की गुणवत्तापरक कार्ययोजना बनवाने का प्रयास करें। साथ ही यह सुनिश्चित करायें कि ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना के आधार पर ही क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की कार्ययोजना बने और समय से पोर्टल पर अपलोड हो सके। प्रशिक्षण में निदेशालय स्तर से अशोक कुमार शाही, संयुक्त निदेशक, पं.रा., श्रीमती प्रवीणा चौधरी, संयुक्त निदेशक, प्रिट, योगेन्द्र कटियार, उपनिदेशक (पं0), पं.रा. निदे. द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद समस्त मण्डलीय उपनिदेशक(पं.), जिला पंचायत राज अधिकारी, मण्डलीय/जिला परियोजना प्रबन्धकों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा भी की गयी।


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