हिन्दी दिवस पर विद्यालयों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन - लालगंज
लालगंज आजमगढ़,। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर पूर्व माध्यमिक विद्यालय हनुमानगढ़ी लालगंज तथा सरस्वती पूर्व माध्यमिक विद्यालय ठेकवां का वार्षिक निरीक्षण हुआ संपन्न। निरीक्षण कर्ताओं में पूर्व प्रधानाचार्य ओमप्रकाश सिंह तथा प्रेम नाथ सिंह थे। विद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रातः वंदना द्वारा लोगों का मन मोह लिया। ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि छात्र- छात्राओं को अपने समय का अधिकतम सदुपयोग करना चाहिए। जो छात्र अपने समय का सही उपयोग करता है ,वह जीवन में आगे बढ़ता है । छात्र को ध्यान की एकाग्रता का अभ्यास करना चाहिए ।ध्यान की एकाग्रता से मेमोरी अच्छी होती है तथा पढ़ा पाठ कभीं भूलता नहीं है। गुरु की भूमिका एक पथ प्रदर्शक, निर्देशक तथा ज्ञानदाता की होती है ।गुरु अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। प्रेमनाथ सिंह ने कहा कि संत शिरोमणि महाकवि तुलसीदास ने श्री हनुमान चालीसा में गुरु के महत्व को बताते हुए कहा है कि हे प्रभु आप मेरे ऊपर वैसी ही कृपा करिए जैसी कृपा कोई गुरु अपने शिष्य के प्रति करता है।कृपा करहु गुरु देव की नाई। प्रधानाचार्य अंशदार यादव निरीक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। सरस्वती शिशु मंदिर एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय ठेकवा के प्रधानाचार्य प्रमोद तिवारी ने बिद्यालय के छात्रों द्वारा किए गए पठन-पाठन का निरीक्षण कराया तथा निरीक्षकों से दिशा निर्देश की कामना की। इस अवसर पर प्रेमनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह , अंशदार यादव, प्रमोद तिवारी, अनिल राय, बाबूलाल चौरसिया आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित थे। वहीं लालगंज (आजमगढ) के श्री कृष्ण गीता राष्ट्रीय पी.जी. कॉलेज लालगंज के सभागार में हिंदी दिवस को मातृभाषा एवं संस्कृति पर्व के रूप मनाया गया जिसमें महाविद्यालय के नवनियुक्त प्राचार्य प्रोफेसर ऋषिकेश सिंह ने हिंदी दिवस पर सभी छात्र छात्राओं को बताया कि हिंदी हमारी मात्रभाषा है, साथ ही हिंदी भाषा मे सभी भावों को भरने की क्षमता होती है,उन्होंने ये बहु बतलाया कि हिंदी भाषा ही नही बल्कि भारतीयों को एकता व अखण्डता के सूत्र में पिरोती है इसी क्रम में हिंदी दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर शीला मिश्रा ने कहा कि आज वर्तमान अंग्रेजी के युग मे हिंदी का प्रचलन दिन पर दिन घटता जा रहा है उन्होंने बतलाया कि एक तरफ हिंदी भाषा से हम भारतीयों की पहचान होती है तो दूसरी तरफ अंग्रेजी रोज़गारपरक होता जा रहा है। इसी कड़ी में डॉ योगेश दयालु सिंह ने हिंदी को मन की भाषा कहा है, हिंदी कश्मीर से कन्याकुमारी तक,संसद से सड़क तक, सहित्य से सिनेमा तक हर जगह संवाद का सबसे बड़ा पुल है बनकर सामने आती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के कार्यालय अधीक्षक आशीष सिंह एवं शिक्षक वर्ग में विपिन सिंह, डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय,अखिलेश सिंह, डॉ. प्रियंका जायसवाल, डॉ. सुनील सिंह, डॉ, दीपमाला मिश्रा,डॉ.संगीता वर्मा, लक्ष्मी वंदना, अनंत यादव डॉ. नीरज श्रीवास्तव शुभम गिरी संतोष यादव स्मिता मिश्रा सुष्मिता सिंह आदि महाविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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