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बिलरियागंज में डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन के झगड़े में पहुंचे सीएमओ

बिलरियागंज : जनपद आजमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिलरियागंज में सीएमओ का आगमन हुआ और डाक्टर सीपी राय व लैब टेक्नीशियन अमित कुमार की सारी बातें सुनी गई और जांच का आश्वासन देकर जाने लगे जिसमें मौके पर उपस्थित पत्रकारों ने सीएमओ से मार पीट के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच करवाई जाएगी और दोसी पाये जाने वाले पर सक्त कारवाई होगी वहीं दुसरा सवाल पुछा गया कि महिलाओं को प्रसव के दौरान अंन्डे, दुध ,फल, आदि वितरित नहीं किया जाता है केवल कागजों में दिया जाता है तो उन्होंने ने अपने कर्मचारियों से पुछा तो उन्होंने बताया कि दिया जाता है वहीं तीसरे सवाल में पुछा गया कि तमाम पैथोलॉजी, सोनोग्राफी, एक्सरे मशीन अवैध रूप से बिलरियागंज में। संचालित  हैं और विगत माह पूर्व कई सोनोग्राफी सेंटर  को सील कर दिए गए थे और एस डी एम सगड़ी गौरव कुमार के जाने के कुछ दिन बाद सोनोग्राफी आदि  खुल रहा है और मरीजों को जम कर लुटा जा रहा है इसके बारे में आपका क्या कहना है उसमें सीएमओ ने कहा कि मुझे इसकी शिकायत बार बार मिल रही है मै एस डीएम से जांच करवा कर कार्रवाई करवाता हूं जब यह पुछा गया कि यह सील हो चुका था तो उस पर उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच करवाई जायेगी और चले गए लेकिन सीएम ओ साहब को यह पता नहीं है कि बिलरियागंज और आस पास के क्षेत्रों में प्राईवेट जच्चा बच्चा केन्द्र में परिजनों को जच्चा बच्चा का खतरा बता कर आपरेशन कर दिया जाता है और परिजनों से वसुला जाता है बीस से तीस हजार पैंतिस हजार रुपए  जिसमें आपरेशन , रुम खर्च, बच्चे के आक्सीजन खर्च,मंहगी दवा आदि मौजूद रहती है लेकिन यह हास्पिटल के लोगों से इस पर बात हुई तो उन्होंने ने नाम न बताया कि अगर नार्मल डिलीवरी कराई जाएगी तो हमारे रुम का पैसा कहां से आयेगा साथ में डाई, डाक्टर, चपरासी,दवा आदि में तनख्वाह कहा से दे पायेंगे जबकि सुत्र बताते हैं क्षेत्र में तमाम महिला अस्पताल से कनेक्ट है जो डिलीवरी महिला के परिजनों से मिल कर मनचाहे पैसा लेती है और डिलिवरी महिलाओं को प्राईवेट अस्पताल में भर्ती करवा देती है यही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलरियागंज का भी है जो डिलीवरी के लिए आई महिलाओं को नार्मल दवा दी जाती है और अस्पताल में सब सुविधाएं ना होने को कहा जाता है और जिसके पास पैसा होता है उसे जच्चा बच्चा का खतरा बता कर ब्लाक के तरफ से पिछे बैन में बैठा कर एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया जाता है और कमीशन दे दिया जाता है और फिर जच्चा बच्चा का खतरा बताते हुए आपरेशन कर दिया जाता है यह हाल बिलरियागंज के प्राईवेट अस्पतालों का वहीं दूसरी तरफ पैसा कमाने के उद्देश्य से खोले गए पैथालोजी व सोनोग्राफी,खुन टेस्ट,पेशाब टेस्ट आदि में डाक्टर मरीज के बताए गये रोग पर दवा नहीं दे पाते बल्कि उसे जांच के लिए भेज दिया जाता है जिसमें उनको लिफाफे में पचास प्रतिशत सुविधा शुल्क उपलब्ध हो जाती है और मरीज हमेशा ठगा जाता है वहीं मेडिकल हाल की सुविधाएं यह है कि प्रत्येक मेडिकल हाल का एक आदमी अरसे से अस्पताल में रहते हैं और डाक्टर ने पर्चा लिखा और मरीज के हाथों के बजाय वाटसेप के जरिए मेडिकल हाल पर पहुंच जाता है और दवा तुरंत दुसरा आदमी लेकर उपस्थित हो जाता है यह व्यवस्था एम आर ---डाक्टर के पास विराजमान होते हैं और कमीशन एम आर के जरिए तय होता है लिखी गई दवाई  अपने एजेंट के यहां उपलब्ध होने का लोगों को बताया जाता है और मरीज वहीं दवा दुसरे मेडिकल हाल से वहीं फार्मूला का दवा लेकर चला आता है तो डॉक्टर साहब उस दवा को खराब बता देते हैं और कमीसन वाले दुकान की दवा अच्छी बताते हुए सेट हुए मेडिकल हाल से दवा मंगाई जाती  है जिसमें मेडिकल हाल व डाक्टर की चांदी कीमत में सोना मिल जाता है लेकिन ठगा तो मरीज ही जाता है अब इस पर सीएमओ साहब क्या करते हैं यह तो उन्हीं के हाथ में है लेकिन क्षेत्र के लोग इस व्यवस्था से भाजपा सरकार को कोस रहे हैं कि एक तरफ महंगाई से जनता परेशान हैं वहीं दुसरे तरफ जनता को डाक्टर, पैथालॉजी, सोनोग्राफी, लैब आदि लुटने में लगे हुए हैं।


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