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गाजीपुर में गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह की पीट-पीटकर हत्या माफिया त्रिभुवन सिंह के गैंग का था सदस्य, परिजनों को भी पीटकर कर दिया घायल


गाजीपुर। गाजीपुर में सैदपुर कोतवाली क्षेत्र में हमलावरों ने माफिया त्रिभुवन सिंह गिरोह के सदस्य रहे गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह की लाठी डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। हमलावरों ने सुरेंद्र के बेटे और अन्य परिजनों को भी पीटकर घायल कर दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मुड़ियार गांव निवासी गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह (65) का बड़ा बेटा विशाल सिंह अपने पट्टीदार विजय उर्फ मंटू सिंह के साथ रविवार शाम को गांव स्थित बाबा कीनाराम अघोर पीठ में गया था। वहां मुड़ियार गांव के ही उपेंद्र सिंह से किसी बात को लेकर उसका विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि विजय वहां से फरार हो गया जबकि विशाल कुछ देर बाद घर पहुंचे। आरोप है कि शाम करीब साढ़े सात बजे उपेंद्र सिंह अपने पुत्र नीरज सिंह, रवि सिंह पुत्र पुष्कर सिंह और कुछ अन्य लोगों के साथ लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर सुरेंद्र सिंह के घर पर धावा बोल दिया।
हमलावर ने छोटे पुत्र अनुज समेत घर की महिलाओं को मारने-पीटने लगे। परिजनों की चीख सुनकर मौके पर पहुंचे गैंगस्टर सुरेंद्र सिंह पर भी हमलावरों ने धारदार हथियार व लाठी से हमला कर दिया। आसपास के लोगों के जुटने पर हमलावर फरार हो गए। आनन-फनन में घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने सुरेंद्र व अनुज को वाराणसी रेफर कर दिया। इलाज के दौरान रात में ही सुरेंद्र की मौत हो गई।
घायल अनुज सिंह (20) का इलाज वाराणसी के ट्रामा सेंटर में चल रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। एसपी सिटी ने बताया कि सुरेंद्र पर कई मुकदमे थे और वह त्रिभुवन सिंह से जुड़ा था। मृतक सुरेंद्र सिंह के करीबी मुड़ियार गांव निवासी विपिन सिंह की तहरीर पर पुलिस ने उपेंद्र सिंह, नीरज सिंह पुत्र उपेंद्र सिंह व रवि सिंह पुत्र पुष्कर सिंह के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है। तीनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ग्रामीणों के अनुसार उपेंद्र के हाथ में बंदूक भी थी, हालांकि फायरिंग की पुष्टि नहीं है। गौरतलब है कि सैदपुर कोतवाली में सुरेंद्र सिंह पर खिलाफ एनएसए समेत छह मुकदमे दर्ज हैं।
गांव में तनाव, पुलिस फोर्स तैनात
एनएसए समेत कई मुकदमों में नामजद सुरेंद्र सिंह की मौत से गांव में तनाव का माहौल हो गया है। पुलिस ने सोमवार को गांव में फोर्स भी तैनात कर दिया है। सीओ बलिराम प्रसाद व कोतवाल तेजबहादुर सिंह ने गांव पहुंचकर चश्मदीदों का बयान लेने के साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण किया। सीओ व कोतवाल ने बाबा कीनाराम सिद्धपीठ के महंत अघोर धर्मरक्षित राम का बयान लिया। पड़ोसियों ने बताया कि रात में आए हमलावरों ने हथियारों के साथ घर पर हमला बोला था। हमलावरों ने लाठी-डंडे व धारदार हथियार से सुरेंद्र पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। मकान के बरामदे में ईंट पत्थर पड़ा हुआ था।
अघोरपीठ से ही रंजिश की शुरुआत:
सुरेंद्र सिंह के पट्टीदार विजय उर्फ मंटू सिंह ने बताया कि पहले होलिका अघोरपीठ परिसर में ही जलाई जाती थी। मार्च में होलिका जलाए जाने से मना करने पर सुरेंद्र सिंह महंत से बात करने गए थे। उस समय सुरेंद्र सिंह को आरोपियों ने मारपीटा गया था। इस मामले में रविवार को मैं और विशाल पीठ परिसर में यही पूछने गए थे कि क्यों मारा-पीटा था। इतना पूछते ही उपेंद्र सिंह ने विशाल को मारना पीटना शुरू कर दिया।
महंत भी थे हमलावरों का निशाना
मुड़ियार स्थित बाबा कीनाराम अघोरपीठ के महंत अघोर धर्मरक्षित राम ने पुलिस को बताया कि वह अघोरपीठ परिसर में पशुओं के लिए उपलब्ध भूसा की स्थिति देखने गए थे। उनके साथ उपेंद्र सिंह भी थे। इस बीच सुरेंद्र सिंह का पुत्र विशाल व विजय उर्फ मंटू सिंह आ गए और मुझे धक्का दे दिया जिससे मैं गिर गया। उपेंद्र ने विशाल को पकड़ लिया लेकिन तब तक विजय भाग निकला, उसी समय मैंने पुलिस को सूचना दी थी। उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।


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