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इतिहास में तथ्यों के साथ उससे जुड़े संवादों का बड़ा मूल्य ...

कादीपुर । इतिहास में तथ्यों के साथ उससे जुड़े संवादों का बड़ा मूल्य होता है, संवाद बदलते ही परिचर्चा बदल जाती है और इतिहास का मंतव्य परिवर्तित होने लगता है। राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े छोटे-छोटे प्रसंगों और संवादों को अमृत महोत्सव के अंतर्गत संयोजित कर हम आजादी की लड़ाई को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को हस्तांतरित कर सकते हैं। यह विचार प्रोफ़ेसर हिमांशु चतुर्वेदी ने संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर सुलतानपुर के प्राचीन इतिहास विभाग द्वारा आयोजित चौरी चौरा : एक पुनश्चर्चा विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही।वे चौरी चौरा की घटना के ऐतिहासिक महत्व की विवेचना कर रहे थे, उन्होंने इस संदर्भ में किए गए अपने शोध कार्य पर एक विस्तृत व्याख्यान दिया। आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर ने चौरी चौरा पर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया था। संगोष्ठी में देश के विभिन्न क्षेत्रों से अनेक प्रतिभागी जुड़े थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक सौरभ त्रिपाठी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में महाविद्यालय की एकेडमिक परंपरा के अनुरूप संगोष्ठी के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रो राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया ) विश्वविद्यालय प्रयागराज के कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो राजकुमार गुप्ता संगोष्ठी के मुख्य अतिथि थे। प्रो गुप्ता ने अपने संबोधन में संपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े अनेकानेक महापुरुषों के योगदान को रेखांकित किया और चौरी चौरा की घटना के क्षेत्रीय स्वरूप के राष्ट्रीय हो जाने पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के प्रारंभ में शहीद दिवस के उपलक्ष में गांधीजी को नमन किया गया और वर्चुअल माध्यम से उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। संगोष्ठी में गांधी जी के प्रिय भजन काफी गायन हुआ। डा इंदु शेखर उपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत किया । प्राचार्य प्रोफेसर आर एन सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी का संचालन डॉ सतीश सिंह ने किया। संगोष्ठी में डॉ सुशील कुमार पांडेय, डॉ जितेंद्र तिवारी विभागाध्यक्ष प्राचीन विभाग, डॉ मदन मोहन सिंह चीफ प्राक्टर, डॉहरेंद्र सिंह, डा संजीव रतन गुप्त डॉ समीर पांडेय डॉ संतोष पांडेय डा बंदना मिश्र डा संजय सिंह डॉ सुरेंद्र प्रताप तिवारी डॉ कुमुद , डा रीता वर्मा ,डॉ संजयप्रकाश दूबे सहित महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापक और कर्मचारी उपस्थित रहे।


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