लमहर कुर्ता दिखे ला गल, लग ता चुनाव नियराइल बाय
मऊ। जैसे जैसे चुनाव की आहट सुनाई दे रही है,लंबे लंबे कुर्ता धारकों और लग्जरी गाड़ियों की लंबी फेहरिश्त बढ़ती जा रही है। लोगों के मन मे इन्हें देखकर सवाल उठना लाजिमी है सबकी जबान पर एक ही सवाल उठ रहा है लगता चुनाव नियराइल बाय का। आगामी वर्ष 2022 चुनाव बिगुल का शंखनाद करने वाला है। लेकिन उसकी लपटें अभी से उठनी शुरू हो गई है। इसकी लौ विधानसभा मधुबन में भी दिखाई देने लगी है। हालांकि बसपा को छोड़ दें तो अभी और किसी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, और न ही कोई आरक्षण का फार्मूला तय है। लेकिन सभी दल के संभावित नेता लग्जरी गाड़ियों से धूल उड़ाना शुरू कर दिए है। विधान सभा चुनाव में 400 सीट जीतने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी के लोग सबसे आगे है। सपा में अब तक जितने भी नामों की चर्चा है उसमें भाजपा छोड़कर नए नए पार्टी में शामिल हुए डॉक्टर एच एन सिंह पटेल, राजेन्द्र मिश्रा, आद्याशंकर यादव, सुमित्रा यादव, राहुल दुबे, उमेश पांडेय, लीलावती कुशवाहा, रामायन यादव आदि का नाम प्रमुखता से शामिल है। यह भी सवाल है कि कहीं यह सीट समझौते वाले के खाते में न चली जाय तो ऐसे में तब किस पार्टी का उम्मीदवार होगा यह बता पाना मुश्किल है। जबकि बसपा ने अपना प्रत्याशी घोषित तो किया है लेकिन वहां हमेशा प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस बना रहता है। सबसे पहले से नीलम कुशवाहा का नाम चर्चा में था। लेकिन बीच मे रमेश तिवारी ने मधुबन में एक बड़ी मीटिंग करके अपने नाम का भी ठप्पा लगवाने की कोशिश की है, जिसमें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने शिरकत किया था। रमेश तिवारी के अनुसार उनका भी टिकट पक्का था, हालांकि नीलम कुशवाहा का दावा है कि टिकट हमारा ही रहेगा। वो भी अपनी लग्जरी गाड़ियों से क्षेत्र में प्रचार प्रसार शुरू कर दी है। बीजेपी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले है। सड़क आदि का काम नहीं होने से वर्तमान विधायक व मंत्री दारा सिंह चौहान को लेकर लोगों में नाराजगी का आलम है लेकिन अभी तो उनके ही नाम की चर्चा है। वैसे लाइन में भरत सिंह उर्फ भरत भैया, प्रवीण कुंवर सिंह उर्फ शुभम, विनोद यादव, बंटी राय, सुनील गुप्ता आदि के नाम की भी चर्चा है। लेकिन पार्टी किसे टिकट देगी यह कोई नही जानता। यही हाल कांग्रेस का है,जिसमें अमरेश चंद पांडेय ही प्रबल दावेदार माने जाते हैं। मजेदार बात यह है कि सपा में जितने सम्भावित प्रत्याशी है सभी को नेता जी ने आश्वस्त करके भेजा है तुम जाओ तैयारी करो तुम्हारा टिकट पक्का है, यही स्लोगन से नेता अपने समर्थकों से साथ रहने की अपील कर रहे है, लेकिन इनकी पार्टी तो एक है लेकिन कार्यालय अलग अलग। राहुल दुबे का कार्यालय जजौली में बना है तो उमेश पांडेय का सुग्गीचौरी मोड़ पर और लीलावती कुशवाहा का दुबारी मोड़ पर। लेकिन इस बीच कई पार्टियों के एक साथ आने के बाद मधुबन विस किसके खाते में जायेगी इसे लेकर प्रत्याशी उहापोह की स्थिति में है। लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह सब नेता एक ही थाली के चट्टे बट्टे है। चुनाव जीतकर जाने के बाद इन्हें मधुबन की फिर याद आती नहीं है। हमेशा से बाढ़ व कटान, सड़क और मधुबन के विकास का मुद्दा नेताओं की आपसी पेचीदगियों में फंसकर दम तोड़ता नजर आता है। जबकि जनता की समस्याएं जहां की तहाँ बनी हुई है।
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