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IB से सटे सांबा जिले में 150 मीटर लम्बी सुरंग को bsf और जम्मू कश्मीर पुलिस बल ने खोजा : बड़ी खबर

जम्मू कश्मीर :- जम्मू (Jammu) के सांबा (Samba) जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) से सटे गांव रिगाल में 150 ​मीटर लंबी सुरंग मिली है। दावा किया जा रहा है कि इसी सुरंग से तीन दिन पहले नगरोटा (Nagrota) के बन टोल प्लाजा (Toll Plaza) में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी (Terrorist) घुसकर आए थे।मिली जानकारी के अनुसार बीएसएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने यह सुरंग खोजी है। आशंका जताई जा रही है कि इस सुरंग के जरिये देश के अन्य भागों में और भी आतंकियों ने घुसपैठ की होगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया है। वहीं, जम्मू बीएसएफ फ्रंटियर के पुलिस महानिरीक्षक एनएस जम्वाल का कहना है कि यह टनल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गांव रिगाल के पास मिली है, जो जीरो लाइन के पास है।आतंकियों के फोन से भी खुले थे कई राज

गौरतलब है कि 19 नवंबर को नगरोटा के बन टोल प्लाजा में मारे गए आतंकियों से मिले स्मार्ट फोन और सेटेलाइट फोन को खंगालने के बाद यह साफ हो गया था कि इनकी सही लोकेशन क्या थी। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि चारों आतंकी 18 नवंबर रात करीब 8:30 बजे भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे।
करीब 12:30 बजे चारों आतंकी जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर जतवाल पहुंचे, जो आइबी से करीब आठ किलोमीटर दूर है। वहां से चारों ट्रक में सवार हुए। लोकेशन से सारी तस्वीर साफ होने के बाद पुलिस टीम ने बीएसएफ अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद सरहद से सटे गांवों को खंगाला तो दोपहर करीब 12 बजे रिगाल गांव में सुरंग का पता चला।

पूरा जिम्मा पाक सेना के पास
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आतंकियों की ट्रेनिंग से लेकर उनकी लॉन्चिंग तक का पूरा जिम्मा पाक सेना के पास है। पाकिस्तानी सेना भारतीय क्षेत्र में आंतकियों की घुसपैठ करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। सुरंग को लंबे समय तक आंतकियों के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है, ताकि घुसपैठ को आसान बनाया जा सके।
- दिलबाग सिंह, पुलिस महानिदेशक

कुछ ऐसी बनी है यह सुरंग
सुरंग का एक मुहाना भारतीय क्षेत्र में है, जिसका व्यास लगभग तीन फीट है, जबकि दूसरा मुहाना पाकिस्तान की तरफ है। सामने पाकिस्तान की भूरा चक्का चौकी है। सुरंग के अंदर की गोलाई करीब 2.5 फीट है। मिट्टी न धंसे, इसके लिए सुरंग के दोनों तरफ लकड़ी के फट्टे लगाए गए हैं। ऐसा लगता है कि सुरंग का निर्माण कुशल इंजीनियरों ने किया है, जिससे इसका इस्तेमाल सालभर घुसपैठ के लिए किया जा सके।


जमीन से 25 फीट नीचे है सुरंग
सुरंग के निर्माण के दौरान घुसपैठ के दौरान मिट्टी धंसने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई है। यह टनल जमीनी सतह से करीब 25 फीट नीचे है। इसके अंदर फट्टों के अलावा पॉलीथिन शीट्स का भी प्रयोग किया गया है ताकि इसमें बरसात के दिनों में पानी का रिसाव भी न हो। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सुरंग हाल फिलहाल में बनाई गई है। टनल के मुहाने पर मिट्टी व रेत से भरी बोरियां लगाई गई हैं। बोरियां पर एंग्रो और सब्ज एंग्रो बैग यूरिया खाद मैन्युफैक्चर्ड इन पाकिस्तान उर्दू में लिखा है। कुछ बोरियों पर कासिम कराची केमिकल भी लिखा हुआ है।

चारों आतंकियों का कोई गाइड जरूर होगा
रऊफ लाला को सीमा पार देखा गया है। एजेंसियां इसका पता लगाने में जुटी हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चारों आतंकियों का कोई गाइड जरूर होगा, जो उन्हें सीमा से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग तक ले गया होगा। बीएसएफ भी पूरे मामले की जांच कर रही है।
- एनएस जम्वाल, आइजी, जम्मू बीएसएफ फ्रंटियर

अमावस्या की रात घुसे थे चारों
सूत्रों के मुताबिक, बन टोल प्लाजा में मारे गए आतंकी कमांडो ट्रेनिंग से प्रशिक्षित थे, जो अमावस्या की रात को पैदल बॉर्डर से हाईवे तक पहुंचे। इनके साथ गाइड होने की बात से भी सुरक्षा अधिकारियों ने इनकार नहीं किया है। बता दें कि 31 जनवरी तड़के बन टोल प्लाजा में मारे गए तीन आतंकी भी अमावस्या की रात को बॉर्डर से हाइवे तक पहुंचे थे। मसूद अजहर का भाई और जैश कमांडर रऊफ लाला पल-पल की जानकारी ले रहा था। उस समय उसके साथ कारी जरार और कासिम जान उनके हैंडलरों की भूमिका निभा रहे थे।


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