भारत को बौद्धिक ऊँचाइयों पर पहुंचायेगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति - प्रोफेसर डी के त्रिपाठी
सुलतानपुर। 'भारत को बौद्धिक ऊँचाइयों पर पहुंचाने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सहायक सिद्ध होगी । अब यह आवश्यक है कि प्रवेश के समय विद्यार्थियों को वही विषय दिये जांय जो महाविद्यालय के कार्य संचालन की दृष्टि से सुविधाजनक हों ।'
यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहीं।
वे महाविद्यालय के संगोष्ठी कक्ष में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन: चुनौतियां और दिशाएं' विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पहले बच्चे मार्क्स अर्जित करते थे अब वे क्रेडिट अर्जित कर रहे हैं । क्रेडिट बैंक में यह क्रेडिट सुरक्षित रहेंगे। जिसका फायदा विद्यार्थियों को कहीं भी और कभी भी शिक्षा ग्रहण करने में मिलेगा।
आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए पूर्व प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफल बनाने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमें अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझना होगा ।
उप प्राचार्य डॉ.निशा सिंह ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को ध्यान में रखकर ही प्रवेश लेना होगा । साथ ही समय सारणी बनाते वक्त भी इसका ध्यान रखना होगा।
कार्यशाला का संचालन आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक इंद्रमणि कुमार ने किया।
कार्यशाला में महाविद्यालय के समस्त शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे ।
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