अखिलेश ने सुखदेव के बेटे कमलकांत और अन्य परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया : लखनऊ
लखनऊ : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और आजमगढ़ की दीदारगंज क्षेत्र से बसपा विधायक सुखदेव राजभर का सोमवार की रात लखनऊ में निधन हो गया। वे 70 साल के थे। उनके निधन से सियासी गलियारे में शोक है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई वरिष्ठ नेता राजभर के घर पहुंचे। अखिलेश ने सुखदेव के बेटे कमलकांत और अन्य परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया। सुखदेव राजभर यूपी के पूर्वांचल के बड़े नेताओं में आते थे। दो महीने पहले सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे में गोमती नगर स्थित आवास पर गए थे। सुखदेव राजभर बीते तीन दिन से गोमतीनगर स्थित चंदन अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल के एमडी डॉ. फारुख अंसारी ने बताया कि सुखदेव राजभर गुर्दे के बीमारी से पीड़ित थे। डायलसिस चल रही थी। जहां सोमवार की रात साढ़े आठ बजे उनका निधन हो गया। सुखदेव राजभर ने साल 1991 में लालगंज निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और 24 वोटों के काफी कम अंतर से जीत हासिल की थी। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मंत्री बने। 1996 के चुनाव में भाजपा के नरेंद्र सिंह से पराजित हुए। पराजित होने के बाद विधान परिषद सदस्य चुन लिए गए। 2002 के चुनाव और 2007 के चुनाव में फिर से जीते थे। लालगंज विधान सभा सुरक्षित हो जाने पर 2012 में दीदारगंज विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सपा के आदिल शेख से चुनाव हार गए। 2017 में फिर दीदारगंज से चुनाव लड़े और जीत गए। वे 2007-2012 तक मायावती के शासन में उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। वे मायावती, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।
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