पाकिस्तानी 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ो , खून का बदला पानी से; इन पांच बड़े प्रतिबंधों से सकपका उठेगा PAK
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को बैसरन के पास हुआ आतंकी हमला इंसानियत को शर्मसार कर गया. 28 बेकसूरों की जान चली गई और कई अब भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. लेकिन ये सिर्फ हमला नहीं था- यह मजहबी पहचान पर किया गया टारगेटेड नरसंहार था. आतंकियों ने पहले लोगों से उनका मजहब पूछा, फिर पैंट उतरवाकर उनकी धार्मिक पहचान सुनिश्चित की, और फिर बेरहमी से गोलियों से भून डाला. यानी निशाने पर सिर्फ हिंदू थे. न जात देखी, न राज्य -सिर्फ धर्म के नाम पर कत्लेआम. बैसरन की वादियों में 28 लाशें गिरीं और सवाल हवा में गूंज रहा है- क्या सिर्फ हिंदू होने की सजा मौत है?
हमले को 30 घंटे से ज़्यादा बीत चुके हैं. गृहमंत्री अमित शाह तुरंत घाटी पहुंचे, घायलों से मिले, हालात का जायज़ा लिया. लेकिन देश के दिल में एक ही आवाज़ है- इंसाफ कब मिलेगा? जवाब कब दिया जाएगा? इस बीच दिल्ली में हलचल तेज है. गृहमंत्री, रक्षामंत्री और एनएसए अजीत डोभाल ने राजधानी में दो घंटे से अधिक समय तक CCS मीटिंग की है. लेकिन अब जनता को सिर्फ मीटिंग नहीं, ठोस कार्रवाई का इंतज़ार है. इधर विदेश मंत्रालय थोड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. करीब ढाई घंटे तक CCS की बैठक चली है. लेकिन सवाल सीधा है, 28 बेकसूरों की जान का जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए है जिसमें अब पाकिस्तान को सीधा चोट लगेगी.
पाकिस्तान का हुक्का पानी बंद पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में कुछ बड़े फैसले भी लिए गए हैं. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीसीएस फैसले में सिंधु जल समझौते को रोक दिया गया है. पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने का फैसला लिया गया है. भारत में पाकिस्तानी दूतावास को बंद किया जाएगा.एक हफ्ते में पाकिस्तानी राजनयिकों को भारत छोड़ने को कहा गया है. अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को भी बंद करने का फैसला लिया गया है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 'नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है. भारत इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाते हैं। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा. 01 मई 2025 तक और कटौती करके उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा.' विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 'इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता. 2) एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं. 3) पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा. SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं. 4) नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है. 5) भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे.
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