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मृतकों की संख्या 200 पार, मलबे में जिंदगी तलाश रहे बचावकर्मी, जानें क्यों कांपे डॉक्टर सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त

.वायनाड: केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड में डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं। उन पर विनाशकारी घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज और शवों के पोस्टमार्टम का भारी बोझ है। इसी बीच एक महिला डॉक्टर ने दिल दहला देने वाली कहानी साझा की है। यह डॉक्टर एक सरकारी अस्पताल में तैनात हैं, और वहां हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमार्टम करने की जिम्मेदारी उन पर है। महिला डॉक्टर ने बताया कि वह पोस्टमार्टम करने की आदी हैं मगर वायनाड भूस्खलन के बाद जिस हालत में शव लाए गए, जिसमें पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर डॉक्टर ने बताया कि जितने भी शव वहां आ रहे थे, सभी क्षत-विक्षत थे। 

 

कुछ के चेहरे इस कदर कुचले हुए थे कि लगा कि किसी ने जान-बूझकर उनके चेहरों को मार-मारकर कुचला है। बकौल महिला डॉक्टर, "शरीर इतनी बुरी तरह कुचला हुआ था कि शव को दोबारा देखने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी। यह कुछ ऐसा था जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था।'' उन्होंने कहा, "मैंने अपने करियर में कई शव देखे हैं, लेकिन यह नजारा अलग था। उन सब पर भूस्खलन का प्रभाव इतना गंभीर था, ऐसा लगा मानो शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए हों।'' उन्होंने बताया कि दो शव देखकर ही वह कांप उठी थी। 

 

उनमें से एक सालभर के बच्चे की लाश थी, जिसके चेहरे बुरी तरह से कुचले हुए थे। डॉक्टर ने बताया कि वह पहले ही दो शव देखकर कांप उठी, तभी अधिक से अधिक शव आने लगे, उनमें से अधिकांश क्षत-विक्षत थे।  उन्होंने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया कि उस दिन, मेरे पास कोई विकल्प नहीं था और हमने 18 पोस्टमॉर्टम किए। इस बीच, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘‘गुरुवार की सुबह सात बजे तक कुल 256 पोस्टमॉर्टम किए गए हैं जिनमें शवों के हिस्से भी शामिल हैं। इस प्रकार ये पूरे 256 शव नहीं हैं बल्कि कुछ शवों के अंग भी इसमें शामिल हैं। हमने 154 शव जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं।’’ उन्होंने बताया कि मलप्पुरम जिले के पोथुकल क्षेत्र से नदी में बहकर आए शवों के पोस्टमॉर्टम भी किए गए हैं।


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