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सरकारी स्कूलों में प्रिसिंपल की पोस्ट के लिए 334 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश.....

New Delhi: देश की राजधानी में 334 स्कूलों में प्रिंसिपल के यूपीएससी द्वारा परीक्षा आयोजित की गई। इसमें पूरे देश के शिक्षकों ने भाग लिया और भर्ती किए गए कुल प्रिंसिपलों में से लगभग एक-तिहाई दिल्ली सरकार स्कूलों से हैं। यूपीएससी द्वारा चयनित 334 प्रिंसिपल में से दिल्ली सरकार स्कूलों के लगभग 100 शिक्षक और उपप्रधानाचार्य चयनित हुए। पुरुष व महिला दोनों श्रेणी में प्रथम,द्वितीय व तृत्रीय स्थान पर दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक  काबिज रहे। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने नवनियुक्त प्रिंसिपलों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे नवनियुक्त प्रिंसिपलों के पास शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों का लंबा अनुभव हैं। ये सभी इन स्कूलों की चुनौतियों और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझते हैं। ये हमारे स्कूलों की प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि करेंगे और स्कूल लीडर के रूप में कार्य करेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में यह दिल्ली सरकार के लगातार प्रयासों का नतीजा है कि यूपीएससी ने अबतक के सबसे कम अवधि में इतनी बड़ी संख्या में प्रिंसिपल नियुक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीएसई ने आखिरी बार 58 प्रिंसिपल की नियुक्ति की थी और इसकी प्रक्रिया यूपीएससी द्वारा 2011 में शुरू की गई थी और ये 2015 में पूरी हुई यानि 58 पोस्ट को भरने में लगभग 5 साल का समय लगा था।
लेकिन केजरीवाल सरकार के प्रयासों का नतीजा रहा कि 24 अप्रैल 2021 को 363 प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की गई और फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2021 थी इसके उपरांत यूपीएससी द्वारा 17 जुलाई 2022 की लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। इस साल जनवरी के अंतिम व फरवरी के पहले सप्ताह में इंटरव्यू आयोजित किए गए। और आज इसके नतीजे आ गये है। यानी पूरी भर्ती प्रक्रिया 2 साल से भी कम समय में पूरी हो गई और नवनियुक्त प्रिंसिपलों की संख्या भी पिछली बार की तुलना में 7 गुणा अधिक है।  पुरुष वर्ग में यूपीएससी की प्रिंसिपलों की नियुक्ति में पहला स्थान हासिल करने वाले सुशील जैन ने कहा, मैं सर्वोदय विद्यालय, भलस्वा गांव में स्कूल प्रमुख के रूप में काम कर रहा हूं। शिक्षा निदेशालय के स्कूलों में मैं बहुत लंबे समय से काम कर रहा हूं और यहां से मुझे जो कुछ सीखने को मिला है उससे मुझे शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने की अपनी क्षमताओं को खोजने में मदद मिली है। सरकार द्वारा मुझे सिंगापुर में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा गया इन सभी अनुभवों से मुझे ये परीक्षा पास करने में बहुत मदद मिली।
नवनियुक्त प्रिंसिपल नीलम यादव ने कहा, मुझे दिल्ली सरकार के स्कूल में बतौर टीचर 17 साल का अनुभव है और बाद मैंने एससीईआरटी दिल्ली में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम किया। मैंने स्कूल में एक शिक्षक के साथ-साथ एससीईआरटी में योजना बनाने और उसके कार्यान्वयन पर काम किया। अब इन दोनों अनुभवों के माध्यम से मैं स्कूल लीडर के रूप में अपने स्कूल के हर बच्चे तक बेहतर शिक्षा पहुंचाने का काम करूंगी।


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