Education world / शिक्षा जगत

'अलंकारवादी आचार्यों ने काव्य को प्रतिष्ठित किया' - इन्द्रमणि कुमार

- राणा प्रताप पीजी कालेज में हुई छात्र संगोष्ठी 
सुलतानपुर। 'अलंकारवादी आचार्यों ने काव्य को प्रतिष्ठित किया है। कवि निर्मित भाव सर्वसाधारण के भाव कैसे बन जाते हैं यह समझना हिंदी के विद्यार्थियों के लिए जरूरी है।' यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष इन्द्रमणि कुमार ने कहीं। 
 वह महाविद्यालय में हिन्दी विभाग द्वारा काव्यशास्त्र विषय पर आयोजित एम ए प्रथम वर्ष के छात्र संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। 
 एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रंजना पटेल ने कहा कि साहित्य में काव्य शास्त्र का महत्व निर्विवाद है।  
असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहा कि आधुनिकता के दबाव और पाश्चात्य काव्य-शास्त्रीय चिंतन के प्रभाव में आ कर हिन्दी का साहित्य-शास्त्र अब अनेक आयामी हो गया है। 
 असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.विभा सिंह ने कहा कि काव्य शास्त्र का इतिहास बड़ा रोचक है।
संगोष्ठी में तृप्ति वर्मा व पल्लवी सिंह ने अलंकार सिद्धांत, अंशिका यादव व सौरभ ने ध्वनि सिद्धांत, कीर्ति बरनवाल व साधना ने साधारणीकरण तथा अभिलाषा तिवारी ने रस निष्पत्ति पर अपने विचार रखे।


Leave a comment

Educations

Sports

Entertainment

Lucknow

Azamgarh