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स्व0 राजाराम मोहन राय की 250वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में महिला सशक्तीकरण पर स्कूली बच्चों की जागरूकता रैली

आजमगढ़ 29 नवम्बर-- स्व0 राजाराम मोहन राय की 250वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में महिला सशक्तीकरण पर स्कूली बच्चों की जागरूकता रैली को राजकीय बालिका इण्टर कालेज आजमगढ़ से संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ योगेन्द्र कुमार सिंह द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बताया कि आज हम स्व0 राजाराम मोहन राय की 250वीं जयंती मना रहे हैं। यह रैली महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से निकाली जा रही है। हम सभी को इनके द्वारा किये गये कार्यां से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होने बताया कि राजाराम मोहन राय का जन्म बंगाल में 1772 में ब्राम्हण परिवार में हुआ था, किशोरावस्था में ही इन्होने काफी भ्रमण किया। उन्होने 1809 से लेकर 1814 तक ईस्ट इण्डिया कम्पनी के लिए काम किया। इन्होने ने ही ब्रम्ह समाज की स्थापना की। 
राजकीय बालिक इण्टर कालेज आजमगढ़ की प्रधानाचार्या श्रीमती ललिता देवी ने बताया कि यह रैली जीजीआईसी आजमगढ़ से प्रारम्भ होकर अग्रसेन चौराहा, सिविल लाइन, रैदोपुर चौराहा एवं गांधी तिराहा होते हुए जीजीआईसी आजमगढ़ पर आकर समाप्त हुई। इस रैली में जीजीआईसी आजमगढ़, डीएवी इण्टर कालेज, निस्वां इण्टर कालेज, अग्रसेन इण्टर कालेज, एसकेपी इण्टर कालेज एवं राहुल चिल्ड्रेन स्कूल के लगभग 1000 छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। उन्होने बताया कि राजाराम मोहन राय ने बाल विवाह, सती प्रथा, जाति-वाद, कर्म काण्ड, पर्दा प्रथा आदि का कड़ा विरोध किया। उन्होने बताया कि आधुनिक भारत के जनक राजाराम मोहन राय ने सती प्रथा को खत्म करने के लिए कई जतन किये। इसी के साथ ही उन्होने विधवा विवाह को भी सही ठहराया। इन्होने सती प्रथा जैसी गलत परम्पराओं और अनेक बुरे प्रभावों के साथ उनके निवारण पर हिन्दी, अंग्रेजी और बांग्ला में पुस्तकें लिखकर फ्री में बंटवाई। 04 दिसम्बर 1829 को लॉर्ड विलियम बेंटिक की अगुवाई और राजाराम मोहन राय जैसे भारतीय समाज सुधारकों के प्रयासों से सती प्रथा पर भारत में पूरी तरह से रोक लगा दी। उन्होने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए राजाराम मोहन राय एवं केशवचन्द्र सेन जिन्होने ब्रिटीश सरकार द्वारा बिल पास करवाया, जिसे स्पेशल मैरिज ऐक्ट कहा जाता है, जिसमें शादी के लिए लड़के की उम्र 18 वर्ष एवं लड़की उम्र 14 वर्ष निर्धारित की गयी थी, जिसे 01 अप्रैल 1930 को समाप्त किया गया था। लेकिन संशोधन 1978 ऐक्ट में विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष कर दी गयी। 
इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक  उमेश कुमार त्रिपाठी, समस्त संबंधित विद्यालयों के अध्यापक/अध्यापिकाएं एवं छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे। 

-------जि0सू0का0 आजमगढ़-29.11.2022--------


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