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T20 WC 2022 से पहले ICC ने क्रिकेट के नियमों में बड़े बदलाव...आपको भी जानना जरूरी

स्पोर्ट्स रूल्स:- 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले ICC Men's T20 WC 2022 के पहले आईसीसी ने क्रिकेट से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं और कुछ नियमों में बदलाव किए हैं. जो आगामी 1 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगे. यानि अब वर्ल्ड कप 2022 नए नियमों के साथ खेला जाएगा. आइये जानते हैं International Cricket के नए नियम क्या हैं।

चीफ एग्जीक्यूटिव्स कमिटी (CEC) ने सौरव गांगुली की अगुवाई वाली कमिटी के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इंटरनेशनल क्रिकेट में बदले हुए नियम 1 अक्टूबर 2022 से लागू होंगे. नए नियमों के तहत इंटरनेशनल क्रिकेट में अब मांकडिंग आउट नहीं होगा. ICC ने इसे अमान्य कर दिया है. अब यह रनआउट माना जाएगा।

International Cricket में ICC के नए नियम: अभी नॉन स्ट्राइकर को रन आउट तो किया जा सकता है, लेकिन इसे 'रन आउट फ़्रॉम अनफ़ेयर प्ले' कहा जाता है. अब इसे रन आउट कहा जा जाएगा. अब तक गेंद फेंकने से पहले, गेंदबाज़ स्ट्राइकर को क्रीज़ से बाहर निकलते देख, उसे रन आउट करने का प्रयास कर सकता था. अब इसे डेड बॉल क़रार दिया जाएगा. अगर बल्लेबाज़ या बल्ला पिच से बाहर जाता है तो अंपायर उसे डेड बॉल घोषित करेगा. ऐसी गेंद जिसपर बल्बेबाज़ पिच के बाहर जाने को मजबूर हो, वो नो बॉल होगी. गेंदबाज़ जब दौड़ना शुरू करे, तो उस समय अनुचित व्यवहार करने पर अंपायर गेंद को डेडबॉल करार देकर बल्लेबाज़ी टीम को पांच रन दे सकते हैं. गेंद चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर स्थायी प्रतिबंध. किसी भी खिलाड़ी के कैच आउट होने पर जो नया बल्लेबाज़ आएगा वही स्ट्राइक लेगा. भले ही इसके पहले दोनों बल्लेबाज़ रन दौड़कर छोर बदल चुके हों. बल्ले या व्यक्ति (बल्लेबाज़) के कुछ हिस्से का पिच के भीतर रहना ज़रूरी है।

टी 20 World Cup 2022 में प्रभावी होंगे नए नियम 16 अक्टूबर से ICC T20 WC 2022 ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा. दुनिया में क्रिकेट संचालित करने वाली संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की चीफ एग्जीक्यूटिव कमिटी ने मंगलवार को प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दे दी है. ये नियम 1 अक्टूबर 2022 से सभी इंटरनेशनल क्रिकेट आयोजनों में लागू हो जाएंगे, 
यानि 16 अक्टूबर से शुरू होने वाला टी-20 वर्ल्ड कप 2022 पर भी नए नियम प्रभावी होंगे. अब नियमों को विस्तार से समझिये: 
1. Batsman Time Out किसी बल्लेबाज के आउट होने के बाद नए बैटर के क्रीज में आने का समय कम हो गया है. अब उसे टेस्ट-वनडे में 2 मिनट के अंदर स्ट्राइक पर आना होगा. जबकि, टी20 इंटरनेशनल में यह समय 90 सेकंड तय किया गया है. पहले 3 मिनट मिलते थे. नए बल्लेबाज के समय पर न आने पर फील्डिंग टीम का कप्तान टाइम आउट की अपील कर सकता है. सबसे पहले 1919 में टाइम आउट के तहत आउट दिया गया था. टाउनटंस काउंटी ग्राउंड में हेरॉल्ड हेगेट इस नियम के तहत आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. हालांकि, यह 1980 में क्रिकेट कोड में शामिल किया गया था. तब बल्लेबाज को 2 मिनट का टाइम मिलता था. 2000 में इसे 3 मिनट कर दिया गया. 2. बॉल खेलने का अधिकार यदि बल्लेबाज को बॉल तक पहुंचने के लिए पिच से बाहर आना पड़ रहा है. तो अंपायर कॉल होगा कि वह उसे डेड बॉल करार दे. यदि कोई बॉल बैटर को पिच से बाहर आने पर मजबूर करती है, तो अंपायर इसे नोबॉल करार देगा. 3. फील्डर या बॉलर का गलत व्यवहार गेंदबाजी के दौरान (रनअप) गेंदबाज कुछ अनुचित व्यवहार या जानबूझकर कुछ गलत मूवमेंट करता है, तो अंपायर एक्शन ले सकता है. वह बैटिंग टीम के खाते में 5 रन भी जोड़ सकता है. इसे डेड बॉल भी दिया जा सकता है. 4. मांकडिंग खत्म, अब रन आउट मांकडिंग को अमान्य कर दिया गया है. अब इसे रनआउट की श्रेणी में डाल दिया गया है।

5. बॉल से पहले स्ट्राइक बैट्समैन की ओर थ्रो कोई गेंदबाज बॉल डालने के लिए रनअप लेता है और बॉल डालने से पहले देखता है कि बैटर क्रीज से ज्यादा आगे आ गया है. ऐसे में बॉलर आउट करने के इरादे से स्ट्राइकर की ओर बॉल थ्रो करता है, तो इसे डेड बॉल दिया जाएगा. अब जानिए कहां से आया मांकडिंग आउट सबसे पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच में वीनू मांकड़ ने विल ब्राउन को ऐसे आउट किया था. बाद में इस तरीके को वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका 'मांकडिंग' कहा गया. IPL में अश्चिन के जोस बटलर को आउट करने के बाद यह ज्यादा चर्चा में आया।

अब जाने कैसे बदले जाते हैं क्रिकेट के नियम... क्रिकेट के नियम

 मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) नाम की संस्था बनाती है. यही संस्था समय-समय पर नियमें भी बदलाव भी करती है. यह 1787 में बनी थी. 1814 में लार्ड्स में इसका हेड ऑफिस बना. 1993 में एमसीसी के एडमिनिस्ट्रेटिव और गवर्नेंस कामों को आईसीसी को सौंप दिया गया. अब एमसीसी के पास सिर्फ नियमों और उससे संबंधित काम ही बचा है. MCC में 18 हजार फुल मेंबर और 5 हजार एसोसिएट मेंबर है. किसी भी नियम में बदलाव के लिए दो तिहाई सदस्यों की अनुमति जरूरी होती है. संस्था नए नियम बनाने से पहले उनसे और अंपयर्स, स्कोरर और प्लेयर्स कमेटी से राय लेती है. सब की सहमति के बाद संस्था ICC को प्रस्ताव भेजती है. फिर ICC की चीफ एग्जीक्यूटिव्स कमेटी की मीटिंग में इसे मंजूरी दी जाती है।


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