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उत्तर प्रदेश में ईवी मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए पायलट परियोजना के रूप में लखनऊ को चुना गया : मुख्य सचिव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार, एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी) और नीति आयोग द्वारा ‘इन्वेस्ट यूपी’ के सहयोग से आज होटल मैरियट, लखनऊ में ‘लखनऊ में व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना का विकास’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

          कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ज़ीरो नेट लक्ष्य प्राप्त करने तथा संपूर्ण राज्य में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ को पायलट केस के रूप में चुनने के लिए नीति आयोग और एडीबी को धन्यवाद दिया।

          उन्होंने कहा कि यूपी अपार संभावना वाला प्रदेश है। प्रदेश में जिस तरह से तेजी से शहरीकरण, सड़क, वायु, रेल कनेक्टिविटी सुविधाओं, औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में प्रदूषणरहित आधुनिक इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट के बिना बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि  प्रधानमंत्री ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने, क्लीन और ग्रीन सिटी के विकास के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता जताई है। उनकी प्रेरणा से यूपी आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पर्यावरण की रक्षा के संकल्प को लेकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। सस्टनेबल ग्रोथ और ग्रीन मॉबिलिटी को बढ़ावा देने के साथ प्रदेश को हरा भरा प्रदेश बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहे हैं। व्यापक स्वच्छता अभियान के साथ हर्बल और ग्रीन पथ विकसित हो रहे हैं। 

           मुख्य सचिव ने कहा कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम की पर्यावरण को प्रदूषित करने में प्रमुख भूमिका है। इसके लिए हमें प्रदूषणरहित स्मार्ट और इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की तरफ तेजी से आगे बढ़ना है। यूपी सरकार लोगों को ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के लिए प्रेरित कर रही है। बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है, पांच शहरों में 100 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइन बनाई जा चुकी है। आने वाले समय में 200 किलोमीटर तक मेट्रो लाइन का विस्तार की योजना पर हम काम कर रहे हैं। हम देश का पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम लेकर आ रहे हैं जिसका इसी साल उद्घाटन होना है। 

            उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रदेश में शांति का वातावरण है, सख्त कानून व्यवस्था है। तेजी से निर्णय लेने की क्षमता के साथ पॉलिसी सपोर्ट भी है। औद्योगिक विकास के लिए यूपी सरकार ने हवाई कनेक्टिविटी सुविधाओं को लगातार बढ़ाने का काम किया है, जिसके कारण आज प्रदेश में 3 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जहां से 77 गंतव्य तक उड़ानें उपलब्ध हैं। आने वाले समय में प्रदेश में पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। इसके साथ ही उड़ान स्कीम के तहत पांच और एयरपोर्ट जल्दी ही क्रियाशील होंगे। जिससे बड़े पैमाने पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को हर किसी की पहुंच तक ले जाया जा सकेगा। इन तमाम प्रयासों के फलस्वरूप यूपी ने बड़े पैमाने पर देश और दुनिया भर के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। 

             अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने राज्य में ई-मोबिलिटी के प्रसार को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एक व्यापक इलेक्ट्रिक वाहन नीति घोषित करने वाला अग्रणी राज्य है और अब, जब राज्य सरकार वर्तमान नीति को अपग्रेड करने की योजना बना रही है, तो इस कार्यशाला से महत्वपूर्ण सुझाव मिलेंगे।

              इसके बाद, अमित कुमार, पार्टनर, प्राइसवाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने लखनऊ के लिए व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना के विकास पर एडीबी-नीति आयोग कार्यशाला पर एक प्रस्तुतिकरण किया। प्रस्तुतिकरण में लखनऊ के लिए राज्य-विशिष्ट ईवी जागरूकता पोर्टल की योजना का परिचय सम्मिलित था। वेब पोर्टल उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ व्यवसायों की इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, उनको अपनाने और परिवर्तन को प्रोत्साहित करने तथा इलेक्ट्रिक वाहनों और उसके सहायक उद्योग से संबंधित निर्माताओं द्वारा निवेश आकर्षित करने के लिए समर्पित वन-स्टॉप गंतव्य के रूप में कार्य करेगा।

            एडीबी इंडिया रेजिडेंट मिशन के काउंटी निदेशक  ताकेओ कोनिशी द्वारा एशियन डवलपमेंट बैंक द्वारा इस सेक्टर के विकास हेतु उठाए जा रहे कदमों के विषय में बताया।

             नीति आयोग, भारत सरकार के सलाहकार, इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी एंड इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सुधेंदु सिन्हा ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर भारत सरकार और नीति आयोग द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला।

             वर्ल्ड रिसोसेज़ इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) की सुश्री चैतन्या कनुरी ने लखनऊ में सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की योजना पर विचार प्रकट किए।

             कार्यशाला में  अमित कुमार, पार्टनर, प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) द्वारा संचालित एक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, शहरों में ईवी इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने पर अंतर्राष्ट्रीय केस स्टडी, ईवी के प्रसार में चुनौतियों और उनके समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के लिए प्राथमिकता वाले ईवी सेगमेंट पर चर्चा की गई। 

             कार्यशाला का उद्देश्य लखनऊ को वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन गतिशीलता से युक्त पायलट शहर बनाने के लिए व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना के विकास पर चर्चा, विचार-मंथन और प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना था।इसमें लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के पल्लव बोस, नीति आयोग के  जोसेफ तेजा, अशोक लीलैंड के  यशपाल सच्चर और सोसाइटी ऑफ इण्डियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एस.आईए.एम.) से  पी.के. बनर्जी ने भाग लिया।

            कार्यशाला में नीति आयोग, राज्य सरकार की संस्थाओं, एडीबी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी-इन्वेस्ट यूपी,  प्रथमेश कुमार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी उद्योग से संबंधित उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


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