प्रकृति संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत: प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे
जौनपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पर्यावरण विज्ञान विभाग के तत्वावधान में बायो डायवर्सिटी कंजर्वेशन दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन हमें अपने घर से शुरू करने की जरूरत है, हमें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए प्रकृति संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। नहीं तो कार्बन फुटप्रिंट जो प्रदूषण को इंडिकेट करता है से क्लाइमेट चेंज द्वारा हमारी बायोडायवर्सिटी के लिए बहुत ही घातक साबित हो रहा है l विश्व की एक्स्पोनेंशियल ग्रोथ से बढ़ती हुई जनसंख्या, इकोनामिक ग्रोथ, साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल ग्रोथ से एक्सप्लोइटेशन प्रोसेस के तहत हम विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, इंडस्ट्री, टूरिज्म, शहरीकरण से प्रदूषण की समस्या दिन पर दिन बढ़ती चली जा रही है। इसका प्रभाव पारिस्थितिकी क्षरण, क्लाइमेट चेंज, लॉस ऑफ कीस्टोन स्पीशीज और बायोडायवर्सिटी क्षरण
पर पड़ता है।
इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अजय द्विवेदी ने पहले के समय में किस तरह से बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन हेतु कार्य पर इंगित करते हुए कहा कि पूरे विश्व को बाजार के रूप में देखा जा रहा है और कामर्शियल लाइजेशन बायोडायवर्सिटी लॉस पर ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम प्रकृति पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाते हैं तो प्रकृति अपने आप को बैलेंस करती है। ऐसे में समेकित विकास सस्टेनेबल डेवलपमेंट वर्ल्ड डेवलपमेंट की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह प्रो. प्रदीप कुमार डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ एस पी तिवारी, प्रो राजेश शर्मा , ऋषि श्रीवास्तव एवं छात्र एवं छात्राओं की उपस्थित रहीं l
संचालन डॉ विवेक कुमार पाण्डेय ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुधीर कुमार उपाध्याय ने किया l
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