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यह अनाज वाली फसलों व फलदार पौधों में उपयोग के लिये 01 किलो ब्यूवेरिया को 25-30 किग्रा सड़ी -------

आजमगढ़ 14 मई-- जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि ट्राइकोडर्मा से भूमि शोधन एवं बीज शोधन तथा ब्यूबेरिया बेसियाना भूमि शोधन हेतु सस्ते एवं सुरक्षित बायो एजेन्ट्स है। ट्राइकोडर्मा दो प्रकार में उपलब्ध होते है। ट्राइकोडर्मा हरजेनियम एवं ट्राइकोडर्मा विरिडी, इसके द्वारा भूमि एवं बीज शोधन करने से उखटा, ग्रीवा गलन, मूल विगलन, तना विलगन जैसे फफूंदी जनित रोगो का नियंत्रण किया जा सकता है। भूमि शोधन के लिये 1 किग्रा ट्राइकोडर्मा को 25-30 किग्रा सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर किसी छायादार स्थान पर जुट की बोरी से ढककर रख दे और नमी बनाये रखे 8-10 दिन के बाद बुवाई के पूर्व प्रति एकड़ खेत में मिला दें, उसके पश्चात बुवाई करें। बीज शोधन के लिये ट्राइकोडर्मा की 4-5 ग्रा0 मात्रा प्रति किग्रा0 बीज के हिसाब से प्रयोग करके सुबह या शाम को बुवाई करें। 
मेटाराइजियम की तरह ब्यूवेरिया भी दीमक का नियंत्रण करता है। यह अनाज वाली फसलों व फलदार पौधों में उपयोग किया जाता है। इसके लिये 01 किलो ब्यूवेरिया को 25-30 किग्रा सड़ी गोबर की खाद या केंचुआ खाद में मिलाकर एक सप्ताह नमी की अवस्था में ढक कर रखें, उसके बाद इसको प्रति एकड़ फसलों में तथा फलादार पौधों में 50-100 ग्राम प्रति पौधे को उम्र के हिसाब से देवें। इसकी वजह से माईसीलियम वृद्धि कर सके। तैयार संवर्धन का खड़ी फसल में भुरकाव कर सिंचाई करें। भूमि में मिलाने या छिड़काव के उपरान्त फफूंद का कोनिडियम शत्रु कीटों के शरीर की त्वचा में चिपककर अंकुरित हो जाता है। फफूंद हाईफा में से रस स्रावित करती है, जिससे शत्रु कीटों के शरीर की त्वचा यानी हार्ड क्यूटिकल घुल कर त्वचा में प्रवेश कर कीटों की वृद्धि रोक देते हैं। फफूंद शरीर में ब्यूवेरिया नामक जहरीला स्राव बनाता है, जो कीट की प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट करता है।

-------जि0सू0का0 आजमगढ़-14.05.2022--------


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