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'लोकतांत्रिक राजा थे महाराणा प्रताप'- डॉ.एम.पी.सिंह विसेन


सुलतानपुर। 'महाराणा प्रताप लोकतांत्रिक राजा थे । उन्हें उनके पिता ने नहीं बल्कि जनता ने चुना था । जनभावनाओं की रक्षा में राणा प्रताप ने अपना पूरा जीवन लगा दिया ।'  यह बातें पूर्व प्राचार्य डॉ.एम.पी.सिंह विसेन ने कहीं । वे राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महाराणा प्रताप जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे ।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रबंधक एडवोकेट बजरंग बहादुर सिंह ने कहा कि राणा प्रताप बड़े शालीन थे । उनके व्यक्तित्व ने उनके कृतित्व को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महापुरुषों की जयंतियां मनाना तभी सार्थक होगा जब शिक्षक अपने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ें। जब तक युवा पीढ़ी राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़ाव नहीं महसूस करेगी तब तक भारतीयता का विकास नहीं होगा ।
प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ.शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में राष्ट्र गौरव शिरोमणि के रूप में  दर्ज है । उन्होंने मुगलकाल में राष्ट्रीय चेतना को पुनर्जीवित किया।
विचार गोष्ठी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.संतोष सिंह 'अंश' व डॉ.मंजू ठाकुर ने महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों की जानकारी दी । 
संगोष्ठी का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमाधिकारी डॉ.प्रभात श्रीवास्तव व आभार ज्ञापन प्रबंधक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने किया ।
इससे पूर्व अतिथियों ने क्षत्रिय भवन के सामने स्थित  महाराणा प्रताप की प्रतिमा व चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह की शुरुआत की । संगोष्ठी में महाविद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य , शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे।


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